हम चौराहे पर खड़े हैं-सभ्यता,संस्कृति,सियासत और अर्थव्यवस्था के चौराहे पर। हमें आगे जाना है-मुकाम तक पहुंचना है। ये एक मुहिम की शुरुआत है।
तहेदिल से आपका स्वागत है ब्लागर्स की दुनिया में। देर आयद दुरुस्त आयद। आप लिखिए तो हम बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं।
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